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Hailing from a small town in Haryana, Gaurav Rana started working when he was 17. A year later, in 2012, he was working two jobs at one point—burning the night oil as an engineer with Volvo Eicher and slogging through the day with his event management company Volcano Events. Gaurav likes to call this time […]

सफर में होने वाली परेशानियों में यात्रियों की मदद करने के उद्देश्य से इंदौर के दो यंग आंत्रप्रेन्योर्स गौरव राणा और शिवांगी शर्मा ने यात्रीकार्ट नाम का स्टार्टअप शुरू किया। लॉकडाउन के बाद 2020 में शुरू किए गए इस स्टार्टअप ने दो साल में ही इन्वेस्टर्स को इतना प्रभावित कर दिया कि उन्हें साढ़े तीन करोड़ की फंडिंग मिल गई है। शुरू-अप और अर्थ वेंचर्स ने यात्रीकार्ट को यह बड़ी रकम सीड फंड के तौर पर ऑफर की है। इस रकम से ये दोनों अन्य राज्यों में भी अपना बिजनेस बढ़ाएंगे।

सफर में काम आने वाली हर चीज एक जगह उपलब्ध कराता है यात्रीकार्ट
को-फाउंडर गौरव राणा ने बताया कि यात्रीकार्ट तीन फॉर्मेट में काम करता है। स्टोर, ट्रॉली और किओस्क। इन तीनों पर लोगों को सफर में काम आने वाली हरेक चीज़ एक ही जगह पर मिल जाती है। बच्चों के डाइपर से लेकर मोबाइल फोन चार्जर, बैग, दवाइयां, हैंडवॉश, ओरल केयर, सैनिटरी नैपकिंस, ताला-चेन, चिप्स-नमकीन और खिलौने भी यात्रीकार्ट पर ही मिल जाएंगे। यात्रियों को अलग अलग चीज़ों के लिए भटकने की ज़रूरत नहीं पड़ती। कुल मिलाकर यह एक मिनी मॉल है जो लोगों को ट्रेवल असिस्टेंस देता है। यह 24×7 सर्विस है।

रेलवे स्टेशंस, बस स्टैंड, एयरपोर्ट और हाईवे पर भी हैं आउटलेट
यात्रीकार्ट हर उस जगह उपलब्ध है, जहां से लोग यात्राएं शुरू करते हैं। रेलवे स्टेशंस, बस स्टैंड, एयरपोर्ट और हाईवेज़ पर भी यात्रीकार्ट मिल जाएगी। फिलहाल यात्रीकार्ट एमपी में ही है पर फाउंडर्स का कहना है कि वे दूसरे राज्यों में भी इसकी शुरुआत करेंगे। को-फाउंडर शिवांगी शर्मा ने बताया कि- हम रेलवे स्टेशंस पर अलग-अलग चीजें लिए अलग-अलग वेंडर्स को देखते हैं। कोई ताले-चाबी और चेन लिए घूमता है तो कोई बैग और वॉलेट बेचता है। दो चार चीज़ें खरीदना हों तो यात्रियों को अलग अलग दुकानें ढूंढना पड़ती हैं। यात्रीकार्ट ने इन सभी वेंडर्स को खुद से जोड़ लिया है और ट्रेवल इजेंशियल्स के इस बिखरे हुए सेक्टर को ऑर्गनाइज़ कर दिया है।

वेंडर्स कमाएंगे तो ही हम कमाएंगे, इसलिए उन्हें प्रमोट करना हमारे लिए ज़रूरी
इस पूरे कामकाज को हम मोबाइल से ऑपरेट कर रहे हैं। वेंडर्स यात्रीकार्ट की एप डाउनलोड करते हैं और उन्हें कार्ट या स्टोर अलॉटमेंट मिल जाता है। वेंडर्स को माल खरीदने की ज़रूरत भी नहीं है। वह भी हम पहुंचाते हैं। सारे प्रोडक्ट हम इसलिए पहुंचाते हैं क्योंकि स्टार्टअप के लिए रिसर्च करते हुए और अपने पर्सनल एक्सपीरिएंस से भी हमने देखा कि ऐसी दुकानों पर या हाईवे के आउटलेट्स पर जो प्रोडक्ट होते हैं वह कम्पनी से मिलते जुलते नाम के होते हैं। जैसे पारले जी नहीं, पारले जे मिलता है। यहां का कस्टमर एक्सपीरिएंस बहुत खराब है। इसलिए हम इस तरह काम करते हैं कि स्टोर ओनर्स से कुछ रकम सिक्योरिटी मनी के तौर पर लेते हैं और फिर हर बार माल हम पहुंचाते हैं। उन्हें एक फिक्स्ड कमीशन देते हैं। इस तरह जितना वह लोग पहले अपने स्टोर से कमा लेते थे उससे तकरीबन 7 परसेंट ज्यादा कमाई अब कर रहे हैं। चूंकि सारे ऑपरेशंस मोबाइल से हो रहे हैं इसलिए उन्हें हमें बताना भी नहीं पड़ता कि कहां क्या चीज़ खत्म होने वाली है। हम पहले ही माल पहुंचा देते हैं। वेंडर्स कमाएंगे तो ही हम कमा सकेंगे। इसलिए उन्हें प्रमोट करने, उनका बिलनेस चलाने की सारी मेहनत हम करते हैं। दुकान के बाहर बोर्ड लगाना, हाईजीन, मार्केटिंग सब हमारे जिम्मे है।

सफर में खुद परेशान हुए तब आया स्टार्टअप का आइडिया
गौरव और शिवांगी ने बताया कि इस स्टार्टअप का आइडिया हमें एक यात्राओं के दौरान हुए बुरे अनुभवों से आया। वह वाकया सुनाते हुए गौरव बोले – हम दोनों ज्यादातर बाय रोड ट्रेवल करते हैं। एक बार कार में लगा मोबाइल चार्जर खराब हो गया और फोन की बैटरी डिस्चार्ज हो गई। अब हाईवे पर चार्जर कहां मिलता। एक जरूरी कॉल आने वाला जो मिस हो गया। चार्जर लेने मुझे बहुत देर बाद रास्ते में मिले एक शहर के अंदर जाकर खरीदना पड़ा। ऐसे ही एक दिन हमने देखा कि रेलवे स्टेशंस पर घूम-घूमकर ये सामान बेचना गैरकानूनी है। ट्रेन के अंदर हॉकिंग गैरकानूनी है। तब हमें लगा कि यह गैप इन द मार्केट है और यात्रियों की इस परेशानी का समाधान करना एक बिग आइडिया हो सकता है।

इस फंडिंग से स्टार्टअप को अपग्रेड करेंगे
यह फंडिंग जो हमें मिली है उससे हम टेक्नोलॉजी अपग्रेड करेंगे ताकि ऑपरेशंस और ईजी हो जाएं। टीम बढ़ाएंगे, इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करेंगे। एग्रेसिव मार्केटिंग करेंगे। लक्ष्य है कि भारत में भी यूनाइटेड किंगडम की डब्ल्यूएच स्मिथ जैसी कंपनी हो जो यात्रियों के लिए ट्रांजिट स्टेशंस जैस रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट्स, हाइवेज पर 24×7 कन्फेक्शनरी, बुक्स, एंटरटेनमेंट प्रोडक्ट्स आदि उपलब्ध कराती है।

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